आग लगने से पहले मंदिर पहले मंदिर !
Devta Ajay Pal(Deu Dani), Peej, Kullu |
देवता अजयपाल के डेढ़ मंजिला मंदिर में सुबह अचानक आग गई। देवता का मंदिर पीज गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित है। गांव वालो को आग लगने का देरी से पता चला जिस कारन आग पे काबू नहीं पाया जा सका और मंदिर जलकर राख हो गया ।
कुल्लू में ढालपुर मैदान से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जिसका नाम है पीज ! महाराजा वैली में ढालपुर से लगती हुई पहाड़ी में स्थित इस गांव की खूबसूरती देखते ही बनती है ! यहाँ जाना मेरे लिए हर बार एक नया अनुभव लाता है ! यूँ तो मैं हर वर्ष, साल में यहाँ दो बार आता था ! दसवीं तक की पढाई भारत भारती स्कूल से हुई और उसके बाद गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल ! बारहवीं की पढाई पूरी होते ही मुझे B.Tech. करने कुल्लू से जाना पड़ा और मेरा हर पीज आना भी बंद हो गया !
पीज गाँव, यहाँ हमारे कुल देवता "अजय पाल देवता" जी का मंदिर है ! साल में 2 बार मंदिर खुलता है इसलिए साल में हमें यहाँ 2 बार देवता की चाकरी के लये आना होता है | हर घर से कम से कम एक सदस्य चाकरी में शामिल ज़रूर होता है ! चाकरी मतलब आप यूँ समझ सकते हो की जिस तरह हम श्रद्धा से मंदिर जाते हैं उसी तरह ये कह सकते है की श्रद्धा पूर्वक मंदिर जाने को देवता की चाकरी कहते हैं !
कुल्लू को देव भूमि यूँ ही नहीं कहा जाता यहाँ विराजमान सभी देवी देवताओं की ऐतिहासिक कोई न कोई कहानी ज़रूर है ! उसी तरह "अजय पाल देवता" जी की भी कहानी और इतिहास है ! देवता के पुजारी का कहना है की हमारा देवता मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के दादा जी है !
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